वो निशां छोड़ चलो ये जहां याद करे मंज़िलें याद करें कारवाँ याद करे गीत ग़ज़लों में बस ताजगी जोश भरो गाके युग युग तक हर समा याद करे सिलसिला खुसबू का वो गुलो छोड़ चलो बिखर जाने पर भी बागबाँ याद करे प्यार मुहब्बत सिखा अमन का चलन सिखा हर कलम दां फिर ये दास्तां याद करे नेकियों का दामन छोड़ना ना हरगिज़ मौत की खबर किसे कब कहाँ याद करे इश्क “इक़बाल” करो तो करो इस तरहां तुम यहाँ याद करो वो वहाँ याद करे – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
वो निशां छोड़
वो निशां छोड़ चलो ये जहां याद करे
मंज़िलें याद करें कारवाँ याद करे
गीत ग़ज़लों में बस ताजगी जोश भरो
गाके युग युग तक हर समा याद करे
सिलसिला खुसबू का वो गुलो छोड़ चलो
बिखर जाने पर भी बागबाँ याद करे
प्यार मुहब्बत सिखा अमन का चलन सिखा
हर कलम दां फिर ये दास्तां याद करे
नेकियों का दामन छोड़ना ना हरगिज़
मौत की खबर किसे कब कहाँ याद करे
इश्क “इक़बाल” करो तो करो इस तरहां
तुम यहाँ याद करो वो वहाँ याद करे
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ
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