उनकी आँखों में कुछ अपनेपन सी बात थी उन आँखों से दिल तक पहुँचने की चाह थी जिस सफ़र में निकले थे हम साथ उनके न जाने कब अलग हो गए रास्ते उनसे आज भी ढूँढता है दिल कहीं उनके निशाँ डूबना चाहता है उनकी आँखों के समंदर में कहीं – एकता खान एकता खान जी की उनकी आँखें पर कविता एकता खान जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
उनकी आँखों में कुछ अपनेपन सी बात थी
उनकी आँखों में कुछ अपनेपन सी बात थी
उन आँखों से दिल तक पहुँचने की चाह थी
जिस सफ़र में निकले थे हम साथ उनके
न जाने कब अलग हो गए रास्ते उनसे
आज भी ढूँढता है दिल कहीं उनके निशाँ
डूबना चाहता है उनकी आँखों के समंदर में कहीं
– एकता खान
एकता खान जी की उनकी आँखें पर कविता
एकता खान जी की रचनाएँ
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