देख के तेरा बचपन याद आता है कुछ अपना भी चिंता ना कल की ना किसी काम की चिड़िया उड़, [...]
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देख के तेरा बचपन
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लड़ा के हिंदू और मुस्लिम ये गद्दी चाहते हो क्यूँ
चमन में आग तुम लगाते हो क्यूँ वतन का नाम तुम मिटाते हो क्यूँ देश के चंद ग़द्दारों को तुम [...] More -
सुख जो परिवार में है, वो मिलेगा कहाँ
ना मंज़िल है कोई ना कोई कारवाँ बढ़े चले जा रहे हैं, रुकेंगे कहाँ कुछ पल बचा लो अपनो के [...] More -
आज दिल में मिरे भरे हैं जो
आज दिल में मिरे भरे हैं जो लफ़्ज़ तेरे खरे खरे हैं जो देखकर यूँ मुझे परेशां तुम आम इंसा [...] More -
आप सा कोई देखा नही
आप सा कोई देखा नही दिल कहीं और लगता नही हसरतें मेरी जगने लगीं दर्देदिल मेरा मिटता नही रहता है [...] More -
तुम्हें ये कैसे समझाएँ
हमें तुमसे मोहब्बत है तुम्हें ये कैसे समझाएँ तड़प अपनी जुदाई की तुम्हें हम कैसे समझाएँ तेरे आने की आहट [...] More -
वो शरीके हयात हुई
उनसे जब मुलाक़ात हुई दिल मिले और बात हुई यहाँ इश्क़ अफ़ात हुई आए तुम कायनात हुई उल्फ़ते उनसे ऐसी [...] More -
बाप बूढ़ा रक़म को भटकता रहा
वो ग़रीबी से हर रोज़ मरता रहा सर नगीने जड़ा ताज सजता रहा राजनीति का स्तर है ऐसा गिरा आम [...] More -
छुपा है प्यार जो वो दिल मे दिखाऊँ कैसे
छुपा है प्यार जो वो दिल मे दिखाऊँ कैसे लफ्ज़ मिलते ही नही बोलो मैं गाऊँ कैसे तेरे वादे वफ़ा [...] More