ले जाऊँगा मैं एक दिन सूरज को जेब में करवट बदलना रात भर तारे शुमार कर -इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ [...]
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ले जाऊँगा मैं एक दिन सूरज को जेब में
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दिल से दुनिया निकाल कर आना
दिल से दुनिया निकाल कर आना ऐसा कोई कमाल कर आना -इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की दुनिया पर शायरी [...] More -
ज़मीने दिल पे तेरी याद का दरिया मचलता है
ज़मीने दिल पे तेरी याद का दरिया मचलता है तसव्वुर के फ़लक पे जब तेरा चेहरा मचलता है - इरशाद [...] More -
काव्य ज्योति जल उठी रौशन हो दिन रात
काव्य ज्योति जल उठी रौशन हो दिन रात आओ मिल कर हम करें ऐसी कोई बात - इरशाद अज़ीज़ इरशाद [...] More -
ख़ुद भी जलते रहे और जलाते रहे
ख़ुद भी जलते रहे और जलाते रहे कैसे कैसे वो दिल को दुखाते रहे लुत्फ़ जीने का हम तो उठाते [...] More -
बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी
बाँट कर हमने हर ख़ुशी अपनी फिर निखारी है ज़िन्दगी अपनी ज़िन्दा जब तक ज़मीर अपना है अपना सूरज है [...] More