आख़िरी बार कब देखा था तुमने उसे या फिर उसने तुम्हें ठीक से सोच कर बताओ अगर नहीं मालूम तो [...]
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आख़िरी बार कब
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गुज़र गई ग़फ़लत में
गुज़र गई ग़फ़लत में सांसों के आने-जाने के बीच झूलता रहा बिखरता रहा तेरे ख़याल की आंधी में और तू [...] More -
एक सपना बुना था उसने
एक सपना बुना था उसने मुझे बताये बिना मेरे होने में अपने होने का जबकि मैं अपने होने को तलाशता [...] More -
हर पल की तुम
हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात [...] More -
आदमी ख़ुद से
आदमी ख़ुद से मिला हो तो ग़ज़ल होती है ख़ुद से गर शिकवा गिला हो तो ग़ज़ल होती है अपने जज़्बात [...] More -
ज़िन्दगी जीना सिखाती है
हर पल की तुम बात न पूछो कैसे गज़री रात न पूछो बाहर सब कुछ सूखा सूखा अंदर की बरसात [...] More -
ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा
ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा ग़ैर तो होगा नहीं वो कोई अपना होगा चाँद को पाने की [...] More -
रखते न थे किसी का कोई दिल में डर हुसैन
रखते न थे किसी का कोई दिल में डर हुसैन बातिल के सामने हुए सीना सिपर हुसैन फ़ोजे यज़ीद को [...] More -
ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता
ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता है हमारा रास्ता सब्रो - रिज़ा का रासता देखना इब्ने अली शेरे ख़ुद [...] More