Tag Archives: इरशाद अज़ीज़

<div class="youtube-player" data-id="djgOezBnHFI"></div>
  • लौट जाओ घर पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    तुम मेरे हमराह चलना चाहती हो

    तुम मेरे हमराह चलना चाहती हो जलना चाहती हो मेरी जिन्दगी की तल्ख़ धूप में कुछ भी तो नहीं मिलेगा [...] More
  • बिना तुम्हारे

    बिना तुम्हारे आज का गुज़रना इस उम्मीद के साथ आना होगा कल तुम्हारा आज को कल होने के बीच मेरा [...] More
  • रह जाता हूं तुम्हारे पास

    रह जाता हूं तुम्हारे पास तुम से बिछुड़ने के बाद पूरी तरह कभी नहीं लौट पाया अपने साथ जब भी [...] More
  • गुलाब के खिलने पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    तुम एक गुलाब हो

    तुम एक गुलाब हो लेकिन खिलने से डरती हो जानता हूं कांटों के डर से खिलना मुस्कराना नहीं छोड़ा जाता [...] More
  • धरती और आकाश की बेचैनी पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    इंतज़ार न जाने कब से

    इंतज़ार न जाने कब से बिना कुछ कहे एक-दूसरे का आकाश का तड़पना धरती के लिए धरती की बेताबी आकाश [...] More
  • उसका दिखाया सच

    उसका दिखाया सच अगर नहीं पसंद तो पर्दा डाल दो उस पे ताकि बार-बार सामना होने पर शर्मिंदा न होना [...] More
  • वह बिखर जाता है

    वह बिखर जाता है टूटने के बाद भी अपनी सच्चाई के साथ तोड़ने वाले के झूठ को साबित करता हुआ [...] More
  • प्यार में अधूरापन पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    तुम भी तो

    तुम भी तो अधूरे हो मेरे बिना तो फिर क़बूल क्यूं नहीं करते यह सच मेरी तरह मैं...तो... कुछ भी [...] More
  • जो दिखाई देता हूं

    जो दिखाई देता हूं वो नहीं हूं मैं और ना ही वो हूं जो तुम देखते हो तुम्हारे देखने मेरे [...] More
Updating…
  • No products in the cart.