हमने जब भी भीतर देखा गहरा एक समन्दर देखा जाने कितना प्यारा होगा वो पंछी जिसका पर होगा गहराई में जब भी झाँका सुन्दर सा इक मंजर देखा जब से बाँधा उससे रिश्ता कभी न पीछे मुड़कर देखा दर दर की जब ठोकर खायी तब जाकर उसका दर देखा – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की प्यार भरी कविता जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
हमने जब भी भीतर देखा
हमने जब भी भीतर देखा
गहरा एक समन्दर देखा
जाने कितना प्यारा होगा
वो पंछी जिसका पर होगा
गहराई में जब भी झाँका
सुन्दर सा इक मंजर देखा
जब से बाँधा उससे रिश्ता
कभी न पीछे मुड़कर देखा
दर दर की जब ठोकर खायी
तब जाकर उसका दर देखा
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की प्यार भरी कविता
जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ
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