कथाकार बदल गये अदाकार बदल गये रौनक बदल गयी सब सभागार बदल गये निज़ाम की तो हद है खतावार बदल गये बस एक ही रात में वफ़ादार बदल गये बुरे वक़्त में दोस्त लगातार बदल गये करके तौबा उसने कहा, यार बदल गये – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कथाकार बदल गये
कथाकार बदल गये
अदाकार बदल गये
रौनक बदल गयी सब
सभागार बदल गये
निज़ाम की तो हद है
खतावार बदल गये
बस एक ही रात में
वफ़ादार बदल गये
बुरे वक़्त में दोस्त
लगातार बदल गये
करके तौबा उसने
कहा, यार बदल गये
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ
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