लिखना ही चाहते हैं आप छन्द और बन्द
पहले तिरंगे की कहानी लिख दीजिये |
मातृभूमि वन्दनीय देश अभिनन्दनीय
भाव और भाषा की रवानी लिख दीजिये | |
दासता की वेड़ियों से मुक्ति में प्रयास रत
अनजाने लालों की जवानी लिख दीजिये |
चूम लिया फन्दे को गले में जयमाल मान
ऐसी बीर बानी क़ुरबानी लिख दीजिये ||
एक ओर लिखिये प्रताप की महानता, तो
बीर शिवा शंभा की कहानी लिख दीजिये |
शासक विदेशियों के अत्याचार एक ओर
कितनी अनीति मनमानी लिख दीजिये ||
एक ओर लिखियेगा ब्रह्मपुत्र पंचनद
गंगा गोदावरी का पानी लिख दीजिये |
तुलसी कबीर लिखो सूर और रसखान
मीरा जैसी प्रेम की दीवानी लिख दीजिये |
लिखना ही चाहते हैं
लिखना ही चाहते हैं आप छन्द और बन्द
पहले तिरंगे की कहानी लिख दीजिये |
मातृभूमि वन्दनीय देश अभिनन्दनीय
भाव और भाषा की रवानी लिख दीजिये | |
दासता की वेड़ियों से मुक्ति में प्रयास रत
अनजाने लालों की जवानी लिख दीजिये |
चूम लिया फन्दे को गले में जयमाल मान
ऐसी बीर बानी क़ुरबानी लिख दीजिये ||
एक ओर लिखिये प्रताप की महानता, तो
बीर शिवा शंभा की कहानी लिख दीजिये |
शासक विदेशियों के अत्याचार एक ओर
कितनी अनीति मनमानी लिख दीजिये ||
एक ओर लिखियेगा ब्रह्मपुत्र पंचनद
गंगा गोदावरी का पानी लिख दीजिये |
तुलसी कबीर लिखो सूर और रसखान
मीरा जैसी प्रेम की दीवानी लिख दीजिये |
– देवेन्द्र कुमार सिंह ‘दद्दा’
देवेंद्र कुमार सिंह दद्दा जी की कविता
देवेंद्र कुमार सिंह दद्दा जी की रचनाएँ
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