उनसे कुछ कहने की आरज़ू में बेज़ुबा अश्क़ यूँ ही निकल गए दिल की ख़ामोश गलियों में एहसासों के बादल [...]
More
-
उनसे कुछ कहने की
-
हर घड़ी दवा
हर घड़ी दवा जिन्हें समझते हैं हम ज़ख़्म रोज़ हमें वो देते हैं क्यूँ हर घड़ी याद जिन्हें करते हैं [...] More -
उम्मीदों के चिराग़ को
उम्मीदों के चिराग़ को जलाएँ तो कैसे राहों के अंधकार को मिटाएँ तो कैसे डूबती कश्ती को किनारे लाएँ तो [...] More -
एक वो हैं जो हर रोज़
एक वो हैं जो हर रोज़ हज़ार बहाने ढूँढ लेते हैं हमसे दूर जाने के और एक हम हैं जो [...] More -
यह हवा और चला दो,
यह हवा और चला दो, तो ग़जल हो जाये इन चराग़ों को बुझा दो, तो ग़जल हो जाये इस कदर [...] More -
जो दिखाई देता हूं
जो दिखाई देता हूं वो नहीं हूं मैं और ना ही वो हूं जो तुम देखते हो तुम्हारे देखने मेरे [...] More -
जब साथ-साथ है
जब साथ-साथ है हम-तुम, तो क्यो आए कभी कोई गम। एक-दूजे के साथ रहे उम्र भर, यही एक अहसास रहे [...] More -
आख़िरी बार कब
आख़िरी बार कब देखा था तुमने उसे या फिर उसने तुम्हें ठीक से सोच कर बताओ अगर नहीं मालूम तो [...] More -
गुज़र गई ग़फ़लत में
गुज़र गई ग़फ़लत में सांसों के आने-जाने के बीच झूलता रहा बिखरता रहा तेरे ख़याल की आंधी में और तू [...] More