तुम भी तो अधूरे हो मेरे बिना तो फिर क़बूल क्यूं नहीं करते यह सच मेरी तरह मैं...तो... कुछ भी [...]
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तुम भी तो
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चुप्पी साधे
चुप्पी साधे जब व्यक्ति मौन होता है मौन मे ही प्रश्न का हवाला होता है । दूसरों को जानने से [...] More -
जो मेरा हाल पढ़ सके
जो मेरा हाल पढ़ सके वो नज़र ढूँढती हूँ जो मेरे दिल में उतर सके वो बशर ढूँढती हूँ लाखों [...] More -
दिल को मालूम है
दिल को मालूम है तू बस ख़्वाब ही है फिर क्यों तुझे पाने की ख़्वाहिश दबी सी है मीलों का [...] More -
ज़िंदगी की भाग दौड़
ज़िंदगी की भाग दौड़ और गिनती की ये साँसे जिन्हें देखना चाहते हैं ख़ुश दूर उन्ही से हैं सारा दिन [...] More -
अक्टूबर इकतीस को,
अक्टूबर इकतीस को, जन्मे सन्त सुजान। झवेर भाई लाडबा, की चौथी सन्तान।। कष्टों से जब हुआ सामना, देश प्रेम की [...] More -
प्रतिमा विशाल यदि
प्रतिमा विशाल यदि बनी सरदार की जो, वामी पीडी छाती पीट करते विलाप क्यों। एक परिवार के ही नाम सारी [...] More -
घर की लाज
घर की लाज दहलीज के भीतर, मर्यादा और लाज रखना इधर। इसको लांघ दु:ख पाया जानकी ने प्रिय-विछोह हो और [...] More -
जला जलाकर हृदय वर्तिका
जला जलाकर हृदय वर्तिका जग को आलोकित करता । मन में उपजे भाव लुटाकर जन जन की पीड़ा हरता । [...] More