सुधियों के गलियारे में मन भटक गया हो चुपके से आ जाना मेरा मन दर्पण है | एकाकी जीवन का [...]
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सुधियों के गलियारे में
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ऐ चाँद बड़ा ही मादक है
ऐ चाँद बड़ा ही मादक है, तेरी आखों का आमंत्रण जैसे सीपी में सिमट उठा हो सागर का उद्वेलित मन [...] More -
हमारा वन्दे मातरम्
हमारा वन्दे मातरम् वासन्ती धरती का आँचल फहरे नील गगन ..... हमारा.... रस की पड़े फुहार अंग अंग बाहर भीतर [...] More -
रह न जाये अब अन्धेरा
रह न जाये अब अन्धेरा तोड़ दो तटबन्ध सारे मुक्त हो जाये सवेरा व्योम की परछाइयाँ जब बादलों से उतर [...] More -
कविता सरस्वती की कुपा
कविता सरस्वती की कुपा की अमोघ शक्ति इसमें कृपाण की सी धार होनी चाहिए | छिन्न-भिन्न कर दे कुरीतियों के [...] More -
लिखना ही चाहते हैं
लिखना ही चाहते हैं आप छन्द और बन्द पहले तिरंगे की कहानी लिख दीजिये | मातृभूमि वन्दनीय देश अभिनन्दनीय भाव [...] More -
स्नेह की थाल में भाव के पुष्प से
स्नेह की थाल में भाव के पुष्प से जो सजायी गयी है नवल आरती | वन्दना में नमित माथ मेरे [...] More -
सुबहा चहुँ दिश हँस रही,
सुबहा चहुँ दिश हँस रही, भाग गई सब रात नयनों से जब गया, वो इस दिल की बात उसकी आँखों [...] More -
ज़िन्दगी की बात फिर
ज़िन्दगी की बात फिर करने लगे। ये क़दम रुके थे फिर चलने लगे।। भावनाएँ हिलोरें लेने लगीं मीन बनकर नदी [...] More