भ्रष्टाचार की काली कहानी हूँ मैं, दर-दर फटती, वो सड़क हूँ मैं। गड्डे, मेरा बदन चीर-चीर देते, ऐसी बदनसीब सड़क [...]
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भ्रष्टाचार की काली कहानी हूँ मैं
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हाँ अहसास है मुझे कि आसपास हो तुम
हाँ अहसास है मुझे कि आसपास हो तुम, हाँ, इकरार है मुझे कि कुछ खास हो तुम। ज़िन्दगी की भागमभाग [...] More -
बनना चाहती हूँ
तेरी कहानी का बस एक, किरदार बनना चाहती हूँ, तुझे बेइंतहा चाह कर, फिर गुनहगार बनना चाहती हूँ। मालूम है, [...] More -
रामा चला गया
रामा चला गया.. अपने परिवार की याद में घुटकर, चेन्नई से यहाँ के संक्रमण में , उसका पशु मन नहीं [...] More -
धधकी कैसी आग वतन में
धधकी कैसी आग वतन में मानवता का ज्वाला उठा राजनीति की देख कुटिलता जनमानस चीत्कार उठा मानव मन भर गयी [...] More -
मातृभूमि के माला के मन के हैं हम
मातृभूमि के माला के मन के हैं हम स्नेह धागे में सब हैं पिरोए हुए जन्भूमि के उत्कर्ष हमें चाहिए [...] More -
इंसान और इंसान के बीच लकीरे खींचा करते हैं
इंसान और इंसान के बीच लकीरे खींचा करते हैं, घमंड के बीज को झूठी शान से सींचा करते हैं। मुंह [...] More -
इस चमन की सुमन खिलते रहें
इस चमन की सुमन खिलते रहें सुख दुःख में हम मिलते रहें लाख कोशिश करे हमें तोड़ने की हम जुड़े [...] More -
वतन के वीर पूतों का कफन मैला नही होता
भले तन धूल धुसरित हो वो मन मैला नही होता। वतन के वीर पूतों का कफन मैला नही होता। यहां [...] More