तपा के अगन मे फिर कंचन बनता है यूँ ही नही कोई भक्त ,हरि का दास बनता है । हर [...]
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तपा के अगन मे फिर कंचन बनता है
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एक सहृदयी व्यक्ति ने
एक सहृदयी व्यक्ति ने मुझ पतित को उत्साह से भरकर झट गले लगाया मेरे मन का छलकता कीचड़ उसके तन [...] More -
रिश्ते जो नाम से बँधे होते हैं
रिश्ते जो नाम से बँधे होते हैं क्या सिर्फ़ वो ही गहरे होते हैं हमसे जब वो दिल बदल के [...] More -
दिलों से खेलने वाले
दिलों से खेलने वाले प्यार का मोल न लगाना हम जो चले गए एक बार तो वापस नहीं आएँगे प्यार [...] More -
गुरूदेव का अभिनन्दन और स्वागत-सत्कार
गुरूदेव का अभिनन्दन और स्वागत-सत्कार पहनाकर जूतों का हार नंगे पाँव परेड कराना छात्रों की एक आम सभा बुलाना स्वागत [...] More -
मैं नींद भर सो नहीं सकता
मैं नींद भर सो नहीं सकता आँखों की नींद कहीं दूर किसी कोने में जा छिपी है जिसे खोजते-खोजते सिर [...] More -
सोचिए बंधुवर सोचिये
सोचिए बंधुवर सोचिये किस तरह आज कोई जिये । जो अंधेरा मिटाने चले बुझ गये वो दिये किसलिये । ज़ख्म [...] More -
जीवन पर व्यंग
भूल गए राह श्याम, जपती है साँस नाम। विरह व्यथा गई चीर, हरो नाथ विकट पीर।। बंशी की लुप्त तान, [...] More -
टोकनियों में भर भर
टोकनियों में भर भर उम्र भर ढोये कनस्तर जिन्दगी हुई ऐसी बसर इस शहर से उस शहर चलता रहा शामो [...] More