सौन्दर्य पर आकर्षित वैभव पर मोहित चुम्बन को बेताब उन लोगों के बढ़े हुए दोनों हाथ भ्रष्टाचार के उन्नत उरोजों [...]
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सौन्दर्य पर आकर्षित
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मैं हूँ व्यथा का बोझ सखी
मैं हूँ व्यथा का बोझ सखी तू फुलवारी कोमल उपवन की । मैं बोली चट्टानों जैसी तू भाषा गिरते सावन [...] More -
कुछ पल तुझे अपना कहने की ख़्वाहिश है
कुछ पल तुझे अपना कहने की ख़्वाहिश है कुछ दूर तेरे साथ चलने की ख़्वाहिश है दिल जानता है कि [...] More -
वक्त के खूँटे से बाँधा
वक्त के खूँटे से बाँधा मोह की जंजीर ने । मुग्ध होकर मैं बँधा ज्यों बाँध रक्खा हीर ने ।। [...] More -
प्रश्न मन मे हैं
प्रश्न मन मे हैं अनगिन सभी के मगर । लोग चिन्तित ह्दय हैं इन्हे सोचकर । निर्धनों के कुपोषित ये [...] More -
जब तक नभ में चाँद सितारे
जब तक नभ में चाँद सितारे, तब तक उनका नाम रहेगा। भारत का हर बच्चा बच्चा, ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।। शान [...] More -
नेता कब क्या सोचते
नेता कब क्या सोचते, करते क्या व्यवहार। मुश्किल इनको समझना,लीला अपरम्पार।। लीला अपरम्पार, एक थैली के चट्टे। लोकतन्त्र के दाँत [...] More -
जानते हैं आप कि हम आपसे
जानते हैं आप कि हम आपसे बेशुमार प्यार करते हैं सूरज भी आप हैं और चाँद भी नींद भी आप [...] More -
दिल में तेरे समा सकूँ
दिल में तेरे समा सकूँ वो एहसास बनना चाहती हूँ होठों को तेरे सजा सकूँ वो मुस्कान बनना चाहती हूँ [...] More