तबियत कुछ लाजवाब पीना चाहे ये क्या खाना खराब पीना चाहे न पैमाना न हद हो मैख़ाने की ये तो [...]
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तबियत कुछ लाजवाब पीना चाहे
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उन राहों पे सजदे
उन राहों पे सजदे सनम होंगे जिन पे तेरे नक्शे कदम होंगे पूछे जो ना मज़हब पता खित्ता जगमग वो [...] More -
महरबानी हुई बड़ी मुझ पर
महरबानी हुई बड़ी मुझ पर आपकी जो नज़र पड़ी मुझ पर नज़र भर कर के जो देखा तुमने इस जहां [...] More -
मूंद कर आँख तुम
मूंद कर आँख तुम भले रखना सोच के दायरे खुले रखना लाख टुकड़े हों घर आंगन के नैन से नैन [...] More -
निकल कर दिल से
निकल कर दिल से मेरे आप खता पाओगे घर जो ठुकराया तो बाहर न जगाह पाओगे हम तो सह लेगे [...] More -
छोटी छोटी बात में
छोटी छोटी बात में बड़ी छुपी हैं बात इनको आत्मसात कर बदलेंगे हालात उसने मानी ही नहीं अपनी गलती आप [...] More -
जाने क्यों ना चाँदनी सो
जाने क्यों ना चाँदनी सो न सकी उस रात चन्दा ने हँसकर करी जब नदिया से बात नभ से बोली [...] More -
कोई छिड़कत रंग तो कोई मटकत अंग
कोई छिड़कत रंग तो कोई मटकत अंग अपना अपना ढंग है अपना अपना रंग अपने से बहार निकल इस जग [...] More -
तेरी मेरी प्रीत की चर्चा हर घर दुवार
तेरी मेरी प्रीत की चर्चा हर घर दुवार अब तो आजा साँवले राधा रही पुकार अन्तस् की किस को कहूँ [...] More