वो समझते हैं अंजान हूं मैं सब समझता हूं इंसान हूं मैं कुछ रिवाजों का ख़ौफ़ है मुझको लोग ना [...]
More
-
वो समझते हैं
-
बहुत हो चुकी
बहुत हो चुकी पहचान रहने दो कुछ बातों से अनजान रहने दो छेड़ो ना तुम जज़्बात को मेरे हुआ तो [...] More -
शक्ल से ही बस कबाड़ी लगता है
शक्ल से ही बस कबाड़ी लगता है आदमी लेकिन जुगाड़ी लगता है जिस अदा से है हराया खुद को ही [...] More -
आज ये हादसा नहीं होता
आज ये हादसा नहीं होता हाथ जो आपका नहीं होता हाथ जो आपका नहीं होता मर्ज़ ये ला दवा नहीं [...] More -
ना खिज़ा से डरो
ना खिज़ा से डरो, ना हवा से डरो तितलियों की मगर बददुआ से डरो रीत बदली सभी आज के दौर [...] More -
कथाकार बदल गये
कथाकार बदल गये अदाकार बदल गये रौनक बदल गयी सब सभागार बदल गये निज़ाम की तो हद है खतावार बदल [...] More -
बनकर के परछाई मेरी
बनकर के परछाई मेरी ना करना रुसवाई मेरी है अहसान बहुत आईने सूरत तो दिखलाई मेरी रखते-रखते ये सर ऊंचा [...] More -
बा अदब रखना इन्हें
बा अदब रखना इन्हें, फूटे नहीं दिल के छाले हैं, कोई बूटे नहीं इश्क में ये हो गया हासिल हमें [...] More -
दर्द हद से सिवा बढ़ता रहा
दर्द हद से सिवा बढ़ता रहा और बढ़ना दवा बनता रहा हाल पूछा सभी ने यूँ मे'रा ज़ख्म नासूर सा [...] More