• उसकी इबादत से

    उसकी इबादत से भला क्यों रहता अनजान उससे अपना दिल मिला ओ ! भोले इन्सान कोयल बैठी डाल पर मीठे [...] More
  • मीत सबको गले लगा

    मीत सबको गले लगा सबसे कर तू प्यार आज सभी तू तोड़ दे नफ़रत की दीवार घर बैठे ही जान [...] More
  • सच पर दोहा, जगदीश तिवारी

    सम्बन्धों के द्वार पर

    सम्बन्धों के द्वार पर कभी जमे ना जंग अपनेपन और प्रीत का भर दे इनमें रंग हो जायेगा एक दिन [...] More
  • समय की चल पर दोहा, जगदीश तिवारी

    एक कहे शैतान है

    एक कहे शैतान है एक कहे इंसान उसके असली रूप की कैसे हो पहचान आज समय की चाल ने बदला [...] More
  • मन पर दोहा, जगदीश तिवारी

    आगे आगे चल रहा

    आगे आगे चल रहा पीछे का ना ध्यान पीछे गर कुछ हो गया घट जायेगा मान कर सकता हर काम [...] More
  • सपनो पर दोहा, जगदीश तिवारी

    सपने सब ढहने लगे

    सपने सब ढहने लगे जीना हुआ दुश्वार सुख की बगिया में लगी जब से खरपतवार उतर गये नकली सभी चेहरे [...] More
  • माँ पर दोहा, जगदीश तिवारी

    भीतर की अच्छाइयाँ भरें

    भीतर की अच्छाइयाँ भरें मनुज में रंग यही रंग तो मनुज को जीने का दे ढंग सच्चाई जिसमें हँसे ना [...] More
  • सम्बन्धो पर दोहा, जगदीश तिवारी

    सम्बन्धों के द्वार पर

    सम्बन्धों के द्वार पर खेल प्रेम का खेल खुद-ब-खुद विश्वास की उग जायेगी बेल मन पंछी आकाश में भरने लगा [...] More
  • सपनों को आकाश दे,

    सपनों को आकाश दे, रिश्तों को नव-सांस मीत! कभी टूटे नहीं, अपनों का विश्वास महंगाई हर दुवार पर चला रही [...] More
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