अपने को आकाश रख, रख आँखें तू चार सबसे तू सम्बन्ध रख कैसे होगी हार कोयल कूके डाल पर हँसता [...]
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अपने को आकाश रख
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जाते-जाते जब हुई
जाते-जाते जब हुई उससे आँखें चार पतझर भी लगने लगा मुझको सावन यार कभी फूल बन दिन हँसें कभी बने [...] More -
एक इशारा कर गया
एक इशारा कर गया आने का वो आज इन्तज़ार का बज रहा तब से हिय में साज देख ! गुड़िया [...] More -
हार कभी ना मानना
हार कभी ना मानना होना नहीं अधीर कर्म से मुख न मोड़ना बदलेगी तकदीर तुम जो मुझको साथ दो कर [...] More -
एक ज़रा सी भूल ने
एक ज़रा सी भूल ने कैसा किया धमाल देख जला के रख दिया इज्जत का ये शाल कहने से पहले [...] More -
बार बार क्यों लड़ रहे
बार बार क्यों लड़ रहे लड़ो एक ही बार बात हो आर पार की जीत हो या फिर हार जहाँ [...] More -
मन को उससे जोड़ ले
मन को उससे जोड़ ले मन को कर न अधीर मन जो हुआ अधीर तो बढ़ जायेगी पीर मन ही [...] More -
मन से जो करता
मन से जो करता सदा सीधी सच्ची बात भाई वो खाता नहीं कभी न जग में मात तेरे मेरे बिच [...] More -
एक मिनट में कर गया
एक मिनट में कर गया करना था जो काम और कभी सोचा नहीं क्या होगा अन्जाम उलटी सीधी बात में [...] More