• तुम्हारा मौन

    तुम्हारा मौन उसकी मुस्कराहट के ख़िलाफ़ जंग का ऐलान है या फिर ख़ुद की हक़ीकत जानने के बाद का गुस्सा [...] More
  • औरत की ज़िंदगी पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    तुम धरती हो

    तुम धरती हो रचती हो आसमान के सपने बुझाती हो उसकी प्यास तुम्हारे ही दम से जगमगा उठते हैं उसके [...] More
  • बदलते समय के साथ

    बदलते समय के साथ तुम्हें भी बदलना होगा तोड़ने होंगे अपने मन के सदियों से बन्द दम घोटते उन रिवाज़ों [...] More
  • दिल की बात पर कविता, इरशाद अज़ीज़

    वह नहीं बुलाता है

    वह नहीं बुलाता है तो जाते ही क्यूं हो उसके सामने और जब जाते हो तो शिकायत कैसी वह कुछ [...] More
  • सहर के वयवहार पर गीत, जगदीश तिवारी

    गोरा गोरा है बदन

    गोरा गोरा है बदन काले काले बाल ठुमक ठुमक गोरी चले मन में उड़े गुलाल सुबहा तक जागे रहे दोनों [...] More
  • इंतज़ार चोर काम करने पर गीत, जगदीश तिवारी

    बड़ी बड़ी ना बात कर

    बड़ी बड़ी ना बात कर और न ऊँची फेंख खींच सके तो खींच दे उससे लम्बी रेख नाच रहा हर [...] More
  • छोटी छोटी बात में

    छोटी छोटी बात में बड़ी छुपी हैं बात इनको आत्मसात कर बदलेंगे हालात उसने मानी ही नहीं अपनी गलती आप [...] More
  • चित्तोर की गाथा पर कविता, जगदीश तिवारी

    लिख गाथा चितौड़ की

    लिख गाथा चितौड़ की कर इसका गुणगान इसके वीरों का ह्रदय से सम्मान पत्रा के उस त्याग का कैसे करूं [...] More
  • कुछ तो अपनी बात कर

    कुछ तो अपनी बात कर कुछ सुन मेरी बात ऐसे ही कट जायेगी अपनी काली रात बस उसकी अरदास कर [...] More
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