कायर देश की कायरता देखो , छिपकर करता है वार देखो । सिंह के सामने डरकर भागता, सोते शेर पर [...]
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वो एक कायर देश।
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पुलवामा हमले में शहीद जवानों की शहादत पर कविता
नन्हे हाथो के खिलौने गए, जवाँ बहन का कँगन गया। सिंदूर मिट गया सुहागन का भाई का हम सहारा गया। [...] More -
प्रेम बनाम नफरत
प्रेम की धरती पर जब नफरतो की होली होती। देख लहू के रंग को जब भारत माँ रह रह रोती। [...] More -
उन राहों पे सजदे
उन राहों पे सजदे सनम होंगे जिन पे तेरे नक्शे कदम होंगे पूछे जो ना मज़हब पता खित्ता जगमग वो [...] More -
महरबानी हुई बड़ी मुझ पर
महरबानी हुई बड़ी मुझ पर आपकी जो नज़र पड़ी मुझ पर नज़र भर कर के जो देखा तुमने इस जहां [...] More -
मूंद कर आँख तुम
मूंद कर आँख तुम भले रखना सोच के दायरे खुले रखना लाख टुकड़े हों घर आंगन के नैन से नैन [...] More -
निकल कर दिल से
निकल कर दिल से मेरे आप खता पाओगे घर जो ठुकराया तो बाहर न जगाह पाओगे हम तो सह लेगे [...] More -
वह चुप रहती है
वह चुप रहती है तो बोलती हैं उसकी आंखें सुनाती हैं अनकहे किस्से-कहानियां जो उसके मन ने कही उसने सुनी [...] More -
तुम्हारी आंखों में
तुम्हारी आंखों में मैं अपने ख़्वाबों के गुलशन सजाता हूं कहो ख़ामोश क्यूं हो तुम भी तो मेरे ख़्वाब देखती [...] More