उसकी ख़ामोशी पे कविता गीत ग़ज़ल कैसे लिखूं न जाने क्या-क्या है उसके दिल में मैं आख़िर सोचूं भी तो [...]
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उसकी ख़ामोशी पे
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सुनो हां…तुम
सुनो! हां...तुम मैं तुम से ही मुख़ातिब हूं तुम्हारी मुस्कराहट में जो दर्द छुपा है उसका कुछ हिस्सा मुझे दे [...] More -
उस कली शूल की बात ना कीजिये
उस कली शूल की बात ना कीजिये हो चुकी भूल की बात ना कीजिये उनकी जुल्फों में गुंथ कर खिला [...] More -
बज़्म में कुछ ही निराले होते हैं
बज़्म में कुछ ही निराले होते हैं शक्ल से जिनकी उजाले होते हैं कारवाओं को दिखाते वो मंज़िल लोग जो [...] More -
था वजन एक सा काफिया एक था
था वजन एक सा काफिया एक था एक सा था बयां फलसफा एक था एक 'रा' से शुरू एक 'रा' [...] More -
बाद चारागरी के सिला ये मिला
बाद चारागरी के सिला ये मिला और बढने लगा दर्द का सिलसिला गर नशेमन मेरा जल गया गम नहीं आप [...] More -
अपने दीवान से भला ना हमारा होगा
अपने दीवान से भला ना हमारा होगा इसके हर शेर से गुजारा तुम्हारा होगा दुनिया बाज़ार है खरीददार होती हर [...] More -
तबियत कुछ लाजवाब पीना चाहे
तबियत कुछ लाजवाब पीना चाहे ये क्या खाना खराब पीना चाहे न पैमाना न हद हो मैख़ाने की ये तो [...] More -
मीत यूँ न ये समय बरबाद कर
मीत यूँ न ये समय बरबाद कर आज फिर से देश की तू बात कर। देख आतंक हर तरफ मंडरा [...] More