• जूते रिश्तो पर ग़ज़ल, इक़बाल हुसैन “इक़बाल”

    ग़ज़ल सुनाऊं गाऊं गीत

    ग़ज़ल सुनाऊं गाऊं गीत होती ना ये दुनिया मीत झूठे रिश्ते झूठे लोग झूठी इनकी सारी प्रीत अब समझे हम [...] More
  • दिल बहलने पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा 'निशा'

    कोई पराया भी अपना

    कोई पराया भी अपना निकल जाये तो और अपना ही कोई बदल जाये तो ये ज़बा ही तो है गर [...] More
  • प्यार की ममता पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा 'निशा'

    देख तू किस तरफ़

    देख तू किस तरफ़ बेखबर आ गया। चलते-चलते तेरा फ़िर से घर आ गया।। उसपे इल्ज़ाम कितने लगायेंगे लोग, भूले [...] More
  • किसान पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा 'निशा'

    मोहताज़ दाने दाने को

    मोहताज़ दाने दाने को होता रहा किसान। बंजर ज़मीं में ख्वाब को बोता रहा किसान।। सरकार हो किसी भी धोखा [...] More
  • औरत पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा 'निशा'

    हिम्मत की हौसले की

    हिम्मत की हौसले की वो दीवार है औरत। जो मुश्किलों को काटे वो तलवार है औरत।। पैसों के बल से [...] More
  • हमसफ़र पर ग़ज़ल, डॉ. नसीमा 'निशा'

    जब से उनकी नज़र हो गई।

    जब से उनकी नज़र हो गई। हर खुशी हमसफ़र हो गई।। राहे उल्फ़त में हर इक कदम, मैं तेरी रहगुज़र [...] More
  • फूल पर ग़ज़ल, इक़बाल हुसैन “इक़बाल”

    छोड़ चला जब डाली फूल

    छोड़ चला जब डाली फूल भूल गया सब लाली फूल जब खुसबू काफूर हुई सिर्फ बचा है खली फूल अब [...] More
  • दोस्ती पर ग़ज़ल, इक़बाल हुसैन “इक़बाल”

    सिफारिश से शोहरत नहीं चाहिए

    सिफारिश से शोहरत नहीं चाहिए अब किसी की इनायत नहीं चाहिए बागबां से परिंदों ने कह ही दिया अब चमन [...] More
  • ख्वाब पर नज़्म, इरशाद अज़ीज़

    मगर तुम नहीं

    उम्र ढलान पर है बेशुमार ख़्वाब आंखों में जगमगाते हैं उड़ाते हैं मज़ाक बेबसी का यही तमाशा है ज़िन्दगी का [...] More
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