घर सभी दुकान हो गये लोग बेमकान हो गये जो किये थे उन पर कभी ग़ारत अहसान हो गये वो [...]
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घर सभी दुकान हो गये
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तुम लाख दूर जाओ
तुम लाख दूर जाओ मगर कुछ भी नहीं होना हम दोनो साथ रहने की ख़ातिर हुए हैं पैदा हसरत नहीं [...] More -
ख़त जो मिला किसी का
ख़त जो मिला किसी का मुकद्दर संवर गया दौरे खिजां में घर मेरा फूलों से भर गया जो डर गया [...] More -
बात क्या-क्या सुनी
बात क्या-क्या सुनी आपको क्या पता जान पे आ बनी आपको क्या पता नींद को ले गयी आंख से छीन [...] More -
भाई जूते चल रहे
भाई जूते चल रहे, आपस में ही यार। आपस में ही कर रहे, इक दूजे पर वार।। इक दूजे पर [...] More -
शायरी में पुख्तगी गर चाहिये
शायरी में पुख्तगी गर चाहिये सिर्फ अष्कों का समंदर चाहिये इस जहां को सच सुनाना हो अगर हाथ में हर [...] More -
आंखों में बसना ठीक नहीं
आंखों में बसना ठीक नहीं ख्वाबों में मिलना ठीक नहीं आओं तो तुम दिन में आओं रातों में मिलना ठीक [...] More -
बदला हुआ समां है
बदला हुआ समां है बदले हुए नज़ारे बेगाने हो गये वो कल तक जो थे हमारे मायूस ज़िन्दगी के अरमां [...] More -
अहदे वफ़ा समझकर
अहदे वफ़ा समझकर आना हमारे पास ये फलसफा समझकर आना हमारे पास ये रौनक ए जमाना ये उम्र की खुमारी [...] More