हो जायेगी ज़िन्दगी सब तेरी अनमोल अंधियारा हिय से भगा उजियारा पट खोल बरखा बरसी झूम कर मनवा हुआ विभोर [...]
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हो जायेगी ज़िन्दगी
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वगुलो की चल पड़ी दुकान
वगुलो की चल पड़ी दुकान, हंस ताल छोड़कर चले गये, मरघट सी लगती सिवान, लाशों पर गिध्द सब झपट पड़े [...] More -
साथ निभाने की कसमें
साथ निभाने की कसमें जो खाते रहते थे अब उनकी सुधियों में खोना अच्छा लगता है | सांसो के सर [...] More -
न छीनो प्यार के मोती
न छीनो प्यार के मोती, सजल मनुहार के मोती, बड़े अनमोल मोती हैं मेरे श्रृंगार के मोती | कभी आहों [...] More -
सुधियों का यह दर्द
सुधियों का यह दर्द बड़ा ही प्यारा लगता है, चुपके से आता है सबसे न्यारा लगता है | थके वटोही [...] More -
सतरंगी धरती पर फैली
सतरंगी धरती पर फैली कितनी राह अजानी, एक फूल के खातिर कितनी कितनी बनी कहानी || चित्र बनाती रही रात [...] More -
मैं तुम्हारी जिन्दगी में
मैं तुम्हारी जिन्दगी में गीत बनकर क्या करूँगा | साँझ की वरसात के रिमझिम स्वरों का यह तराना, नीड़ में [...] More -
सम्बन्धों का इस तरह
सम्बन्धों का इस तरह तोड़ न भाई द्वार समय कठिन हो जायेगा जीवन होगा भार अपने अन्तस से कभी मिटा [...] More -
बनकर के परछाई मेरी
बनकर के परछाई मेरी ना करना रुसवाई मेरी है अहसान बहुत आईने सूरत तो दिखलाई मेरी रखते-रखते ये सर ऊंचा [...] More