चमक दमक से चाँदी की ज़ात छुपे ना बाँदी की हुक्म चलाती है हम पर देखो हिम्मत मांदी की सूखे पीले पत्ते भी हंसी उडाएं आंधी की रिश्ते भूला वो पाकर चार कटोरी चाँदी की – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
चमक दमक से चाँदी की
चमक दमक से चाँदी की
ज़ात छुपे ना बाँदी की
हुक्म चलाती है हम पर
देखो हिम्मत मांदी की
सूखे पीले पत्ते भी
हंसी उडाएं आंधी की
रिश्ते भूला वो पाकर
चार कटोरी चाँदी की
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
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