सब कुछ जायेगा बदल रख अच्छा व्यवहार फिर कैसे होगी बता लोगों से तकरार ठोक बजाकर तुम करो दुश्मन की पड़ताल फिर चलना भाई यहाँ तुम अपनी चाल चिड़िया बन कर मत रहो बन जाओ अब बाज दुश्मन बहुत उछल रहा कर दो उसका इलाज पहले अपना देश है फिर भाई परदेश जिसे नहीं मंजूर ये छोड़े भारत देश रहता है इस देश में करे विदेश की बात सुबहा उससे छीन लो कर दो उसकी रात मीठा मीठा बोल तू कभी न कड़वा बोल कड़वा जो बोला सनम बज जायेगा ढोल मन अपना भटका नहीं मन को लगा लगाम मन को जो वश में रखा होगी कभी न शाम – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की दोहा जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
सब कुछ जायेगा बदल
सब कुछ जायेगा बदल रख अच्छा व्यवहार
फिर कैसे होगी बता लोगों से तकरार
ठोक बजाकर तुम करो दुश्मन की पड़ताल
फिर चलना भाई यहाँ तुम अपनी चाल
चिड़िया बन कर मत रहो बन जाओ अब बाज
दुश्मन बहुत उछल रहा कर दो उसका इलाज
पहले अपना देश है फिर भाई परदेश
जिसे नहीं मंजूर ये छोड़े भारत देश
रहता है इस देश में करे विदेश की बात
सुबहा उससे छीन लो कर दो उसकी रात
मीठा मीठा बोल तू कभी न कड़वा बोल
कड़वा जो बोला सनम बज जायेगा ढोल
मन अपना भटका नहीं मन को लगा लगाम
मन को जो वश में रखा होगी कभी न शाम
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की दोहा
जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ
[simple-author-box]
अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें