उस कली शूल की बात ना कीजिये हो चुकी भूल की बात ना कीजिये उनकी जुल्फों में गुंथ कर खिला रात जो उस दबे फूल की बात ना कीजिये आपको जो लगे प्यारा उसकी कसम सर पड़ी धूल की बात ना कीजिये दर्द की हो दवा बात ऐसी करो बात में तूल की बात ना कीजिये देखो समझा करो सूद स्वीकार लो इस घडी मूल की बात ना कीजिये सिर्फ अहसास का नाम है शायरी आप मकबूल की बात ना कीजिये – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
उस कली शूल की बात ना कीजिये
उस कली शूल की बात ना कीजिये
हो चुकी भूल की बात ना कीजिये
उनकी जुल्फों में गुंथ कर खिला रात जो
उस दबे फूल की बात ना कीजिये
आपको जो लगे प्यारा उसकी कसम
सर पड़ी धूल की बात ना कीजिये
दर्द की हो दवा बात ऐसी करो
बात में तूल की बात ना कीजिये
देखो समझा करो सूद स्वीकार लो
इस घडी मूल की बात ना कीजिये
सिर्फ अहसास का नाम है शायरी
आप मकबूल की बात ना कीजिये
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ
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