यह झुठ है कि हमे
जिन्दगी सिर्फ एक
बार ही मिलती है ।
बल्कि जिंदगी हमे
हर रोज मुस्कराती
हुई, गाती हुई मिलती है ।
हम जिंदगी से सब कुछ
वक्त से पहले चाहते है ।
जबकि जिंदगी हमे सब
वक्त पर ही देती है ।
जिंदगी के साथ-साथ चलो
मंजिल तक ले जाएगी ।
आपाधापी मे तुम कोई
एक गलत राह पर जा
भटक जाओगे ।
रास्ते तो अनेक है, पर
चलना किस पर है ।
जिंदगी मिलती तो रोज है
पर वह हर मौका, रोज
नही देती ।
बारिश की बूँद, गिरती रोज है
पर हर बूँद सागर मे नही गिरती।
जिंदगी, तु, है, बस,
उम्मीदो की राह पर संघर्ष की
पगडंडी पर चलना है ।
हर रोज तुझे पाकर उसे
पाना है जो सिर्फ एक बार
ही मिलती है, वह है मौत ।
यह झुठ है कि हमे
यह झुठ है कि हमे
जिन्दगी सिर्फ एक
बार ही मिलती है ।
बल्कि जिंदगी हमे
हर रोज मुस्कराती
हुई, गाती हुई मिलती है ।
हम जिंदगी से सब कुछ
वक्त से पहले चाहते है ।
जबकि जिंदगी हमे सब
वक्त पर ही देती है ।
जिंदगी के साथ-साथ चलो
मंजिल तक ले जाएगी ।
आपाधापी मे तुम कोई
एक गलत राह पर जा
भटक जाओगे ।
रास्ते तो अनेक है, पर
चलना किस पर है ।
जिंदगी मिलती तो रोज है
पर वह हर मौका, रोज
नही देती ।
बारिश की बूँद, गिरती रोज है
पर हर बूँद सागर मे नही गिरती।
जिंदगी, तु, है, बस,
उम्मीदो की राह पर संघर्ष की
पगडंडी पर चलना है ।
हर रोज तुझे पाकर उसे
पाना है जो सिर्फ एक बार
ही मिलती है, वह है मौत ।
– हेमलता पालीवाल “हेमा”
हेमलता पालीवाल "हेमा" जी की रचनाएँ
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