जब भारत की राजनीति ने ली अँगड़ाई । देशभक्ति के नाम, काटते खूब मलाई ।। दशा दिशा से हीन, क्रान्ति बिधवा सी रोई । सहसा घन को फाड़, निकल आया रवि कोई ।। नौजवान यह वीर, नाव को खेने वाला । बदले में ले खून, अजादी देने वाला ।। फिर सुभाष सा वीर एक उपजाना होगा । अवध न जाए हार, अवधपति! आना होगा ।। –अवधेश कुमार ‘अवध’ अवधेश कुमार 'अवध' जी की कविता अवधेश कुमार 'अवध' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
जब भारत की राजनीति ने ली अँगड़ाई
जब भारत की राजनीति ने ली अँगड़ाई ।
देशभक्ति के नाम, काटते खूब मलाई ।।
दशा दिशा से हीन, क्रान्ति बिधवा सी रोई ।
सहसा घन को फाड़, निकल आया रवि कोई ।।
नौजवान यह वीर, नाव को खेने वाला ।
बदले में ले खून, अजादी देने वाला ।।
फिर सुभाष सा वीर एक उपजाना होगा ।
अवध न जाए हार, अवधपति! आना होगा ।।
–अवधेश कुमार ‘अवध’
अवधेश कुमार 'अवध' जी की कविता
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