कोई अपना मुझको सदाएं दे। फिर वो जो चाहे हमे सजाए दे।। दिल प्रेम से इतना भरा रहे, हम अपने दुश्मन को दुआएं दे। इन नफरतो का इलाज कर सके, कुछ ऐसी बेशकीमती दवाएं दे। ये है इस बेवफा जमाने का उसूल, जिसे चाहे हम, वो हमे यातनाए दे। जिन पर हम थोड़ा इतरा सके, हसीनो वाली हमे कुछ अदाएं दे। –पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की ग़ज़ल पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कोई अपना मुझको सदाएं दे
कोई अपना मुझको सदाएं दे।
फिर वो जो चाहे हमे सजाए दे।।
दिल प्रेम से इतना भरा रहे,
हम अपने दुश्मन को दुआएं दे।
इन नफरतो का इलाज कर सके,
कुछ ऐसी बेशकीमती दवाएं दे।
ये है इस बेवफा जमाने का उसूल,
जिसे चाहे हम, वो हमे यातनाए दे।
जिन पर हम थोड़ा इतरा सके,
हसीनो वाली हमे कुछ अदाएं दे।
–पी एल बामनिया
पी एल बामनिया जी की ग़ज़ल
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