भ्रष्टाचार की काली कहानी हूँ मैं, दर-दर फटती, वो सड़क हूँ मैं। गड्डे, मेरा बदन चीर-चीर देते, ऐसी बदनसीब सड़क हूँ मैं। – हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ हेमलता पालीवाल 'हेमा' जी की कविता हेमलता पालीवाल 'हेमा' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
भ्रष्टाचार की काली कहानी हूँ मैं
भ्रष्टाचार की काली कहानी हूँ मैं,
दर-दर फटती, वो सड़क हूँ मैं।
गड्डे, मेरा बदन चीर-चीर देते,
ऐसी बदनसीब सड़क हूँ मैं।
– हेमलता पालीवाल ‘हेमा’
हेमलता पालीवाल 'हेमा' जी की कविता
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