कच्ची माटी से घड़े, अलग अलग दे नाम । भांत भांत के ठामड़े, आवें जग के काम । – इक़बाल हुसैन इक़बाल इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' द्वारा रचित हिंदी दोहा [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कच्ची माटी से घड़े
कच्ची माटी से घड़े, अलग अलग दे नाम ।
भांत भांत के ठामड़े, आवें जग के काम ।
– इक़बाल हुसैन इक़बाल
इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' द्वारा रचित हिंदी दोहा
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