सारी दुनिया दिख जाती है, नज़रें जब हम उठाते हैं। बस वो शख़्स ही नहीं दिखता, जिसे देखने की आरज़ू है।। एक दर्द उभर जाता है, सासें जब आती जाती हैं। बस वो शख़्स ही नहीं मिलता, जिसे पाने की आरज़ू है।। – एकता खान दिल की आरज़ू पर शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
जिसे देखने की आरज़ू है
सारी दुनिया दिख जाती है,
नज़रें जब हम उठाते हैं।
बस वो शख़्स ही नहीं दिखता,
जिसे देखने की आरज़ू है।।
एक दर्द उभर जाता है,
सासें जब आती जाती हैं।
बस वो शख़्स ही नहीं मिलता,
जिसे पाने की आरज़ू है।।
– एकता खान
दिल की आरज़ू पर शायरी हिंदी में
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