छुपा है प्यार जो वो दिल मे दिखाऊँ कैसे लफ्ज़ मिलते ही नही बोलो मैं गाऊँ कैसे तेरे वादे वफ़ा से साँस मेरी चलती है बचा नहीं है कोई रास्ता जाऊँ कैसे तेरे जाने के बाद वक़्त ठहरा-ठहरा है उठी है टीस बोलो दिल मे दिखाऊँ कैसे अश्क आँखो से नहीं दिल से बहाया हमने दर्द टूटे हुए दिल का मै सुनाऊँ कैसे दिल तो रोएगा मैं अब कैसे संभालूँ इसको इन घिरे बादलों को बोलो हटाऊँ कैसे जलते दिल की तड़प से मुझको बचा ले यारा लगी जो दिल मे अगन वो मैं बुझाऊँ कैसे खो गयी ख़ुशियाँ मेरी गुज़री हुई रातों में बिन तेरे दीप दिवाली का जलाऊँ कैसे रूठो को मना लूँ देदे खुदा इतना हुनर मेरी ख़ुशियों मे लगे ग्रहण हटाऊँ कैसे तुझको पाकर ‘शाद’ ख़ुशियों से न मर जाये बेक़रारी मै अपने दिल की छुपाऊँ कैसे – शाद उदयपुरी ‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें – दर्द भरी शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
छुपा है प्यार जो वो दिल मे दिखाऊँ कैसे
छुपा है प्यार जो वो दिल मे दिखाऊँ कैसे
लफ्ज़ मिलते ही नही बोलो मैं गाऊँ कैसे
तेरे वादे वफ़ा से साँस मेरी चलती है
बचा नहीं है कोई रास्ता जाऊँ कैसे
तेरे जाने के बाद वक़्त ठहरा-ठहरा है
उठी है टीस बोलो दिल मे दिखाऊँ कैसे
अश्क आँखो से नहीं दिल से बहाया हमने
दर्द टूटे हुए दिल का मै सुनाऊँ कैसे
दिल तो रोएगा मैं अब कैसे संभालूँ इसको
इन घिरे बादलों को बोलो हटाऊँ कैसे
जलते दिल की तड़प से मुझको बचा ले यारा
लगी जो दिल मे अगन वो मैं बुझाऊँ कैसे
खो गयी ख़ुशियाँ मेरी गुज़री हुई रातों में
बिन तेरे दीप दिवाली का जलाऊँ कैसे
रूठो को मना लूँ देदे खुदा इतना हुनर
मेरी ख़ुशियों मे लगे ग्रहण हटाऊँ कैसे
तुझको पाकर ‘शाद’ ख़ुशियों से न मर जाये
बेक़रारी मै अपने दिल की छुपाऊँ कैसे
– शाद उदयपुरी
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